Pakistan : पिटते भी हैं, लुच्चे भी हैं, फिर भी पैसे!




भई टुच्चई की भी हद होती है। पाकिस्तान ने चैम्पियंस ट्रॉफी में हद ही कर दी। फिर भी पैसों की बरसात। ना तो खेल अच्छा पाये और ना ही अच्छा व्यवहार किया। फिर भी पैसे से नवाज़ा जा रहा है। आप कहेंगे कि अच्छा नहीं खेले ये तो मालूम है। पर अच्छा व्यवहार क्या नहीं था? और शायद ये कहेंगे कि हाँ पाकिस्तान न्यूज़ीलैंड से भी हारी और इंडिया से भी और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ तो मैच हुआ ही नहीं। ये तो मालूम है। पर व्यवहार क्या ख़राब था। तो हम आपकी याद ताज़ा करवा देते हैं। इंडिया वाला मैच तो आपको याद ही है ना। उस मैच में कोहली अपने शतक से सिर्फ़ 13 रन दूर थे। इंडिया को मैच जीतने के लिए 17 रन चाहिए थे। और पाकिस्तान अपनी पूरी कोशिश इस बात पर लगा रहे थे कि मैच जीते ना जीते पर कोहली को शतक नहीं लगाने देंगे। ऐसे में उन्होंने क्या गिरी हुई हरकत की? शाहीन शाह अफ़रीदी ने एक नहीं दो नहीं तीन वाइड गेंदें फेंकी। यानी जितने जीत के रनों का फ़ासला कम होगा, उतना ही कोहली के लिए शतक लगाना मुश्किल होगा। पर होइए वही जो राम रची राखा। कोहली का शतक उस दिन होना था और वो हो के रहा। लेकिन आपने कब किसी तेज गेंदबाज़ को एक नहीं दो नहीं तीन लगातार वाइड एक ओवर में फेंकते हुए पहले देखा है। इसको लेकर जानकार लोगों ने पाकिस्तान की बहुत आलोचना की। ख़ैर अब पाकिस्तान चैम्पियंस ट्रॉफी के तो बाहर है पर फिर भी उनको पैसे मिलेंगे। जो टीम सातवें या आठवें नंबर पर ख़त्म होगी, उसे एक करोड़ रुपये दिये जाएँगे। और फिर प्रतियोगिता करवाने के अलग पैसे मिलेंगे। यानी खेल भी ख़राब, और तमीज़ भी ख़राब फिर भी रुपइयों का हार। पर अभी हमारा पीछा पाकिस्तान से छूट नहीं रहा है। इस साल एक नहीं दो नहीं तीन इंडिया-पाकिस्तान के मैच होंगे। इस साल का एशिया कप इंडिया ही मेज़बानी कर रहा है। ये प्रतियोगिता सितंबर में होगी। इसमें इंडिया मेज़बानी ज़रूर कर रहा है पर इंडिया-पाकिस्तान के मैच या तो श्रीलंका या दुबई में होगा। अब क्योंकि इंडिया पाकिस्तान चैम्पियंस ट्रॉफी में नहीं गया था, इसलिए पाकिस्तान भी एशिया कप में इंडिया खेलने नहीं आएगा। इंडिया को इससे कोई प्रॉब्लम हैं? कोई नहीं। होनी भी नहीं चाहिए। हम तो उन्हें IPL में भी नहीं बुलाते हैं। आख़िरी बार जब इंडिया या पाकिस्तान की सीरीज एक दूसरे के बीच हुई थी तब वो साल 2012-2013 का था। उस साल पाकिस्तान की टीम इंडिया आयी थी। अब वो बात पुरानी हो चली है। इंडिया के दिग्गज सुनील गावस्कर कहते हैं कि जब तक सीमा पर शांति नहीं होती है तब तक इंडिया और पाकिस्तान के मैच आपस में शुरू नहीं होंगे। मन तो करता है कि मैच हों। आख़िर पाकिस्तान को हराने में जो सुख मिलता है वो क्रिकेट में और कहाँ